प्र●1●क्या इच्छाधारी नाग होते हैं, इंसान के रूप मे.!
08,june,2018
◆भारत में नागों की सबसे ज्यादा प्रजातियां पाई जाती है प्राचीनकाल से लोकमानस में यह प्रचलित है कि एक ऐसा नाग होता है जो कि इच्छाधारी होता है अर्थात जो किसी का भी रूप धारण कर सकता है हिन्दू धर्म में नाग पूजा का प्रचलन प्राचीनकाल से ही रहा है। हिन्दू पौराणिक ग्रंथों, किस्से, कहानियों आदि में कई तरह के नागों के बारे में उल्लेख मिलता है हिन्दू पौराणिक कथाओं में यह एक ऐसा कोबरा जाति का सांप होता है जो 100 वर्ष की उम्र पूर्ण करने के बाद रूप बदलने की क्षमता प्राप्त कर लेता है और फिर वह सैंकड़ों वर्षों तक जीवित रहता है ऐसी किंवदंती भी है कि नागों में कुछ ऐसे नाग भी होते हैं जो सभी तरह का ज्ञान रखते हैं जिस तरह इंसानों में सिद्ध संत होते हैं उसी तरह नागों में सिद्ध नाग होते हैं जो किसी के भी शरीर का इस्तेमाल करके इंसानों का भला करते हैं भारत के बहुत से ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ विशेष लोगों के शरीर में नाग देवता सवारी के रूप में आते हैं और देशभर में नागों के कई मंदिर हैं माना जाता है कि इच्छाधारी नाग के पास एक मणि भी होती है!
◆हिन्दू पौराणिक मान्यता के अनुसार मनुष्य और 84 लाख योनियों के जीवों में कुछ ऐसे जीव होते हैं जो कि रहस्यमयी हैं उनमें से एक नाग भी है प्राचीन काल में 30 से 40 फुट तक के नाग होते हैं श्रीकृष्ण ने जिस नाग अगासुर को मारा था वह करीब इतना ही बड़ा था पौराणिक ग्रंथों में नागवंश और नागकन्याओं का जिक्र भी मिलता है महाभारत में उल्लेखित है कि पांडु पुत्र अर्जुन ने नागकन्या उलूकी से विवाह किया था। भीम के पुत्र घटोत्कच का विवाह भी एक नागकन्या से ही हुआ था जिसका नाम अहिलवती था और जिसका पुत्र वीर योद्धा बर्बरीक था लेकिन ये नागकन्याएं इच्छाधारी नहीं थी लेकिन विज्ञान और सर्प विशेषज्ञ मानते हैं कि इच्छाधारी नागिन का चरित्र पूरी तरह से काल्पनिक है हालांकि वैज्ञानिक यह तो कहते हैं कि सांप विश्व का सबसे रहस्यमय प्राणी है यूट्यूब पर आपको इच्छाधारी नाग या नागिन के कई वीडियो मिल जाएंगे, लेकिन यह कोई नहीं जानता है कि इच्छाधारी नाग होते भी है या कि यह एक कपोलकल्पना है!
(और निचे जानकारी है पड़े)
◆भारत किस्से>कहानियों में सबसे आगे माना गया है। यहां हर गली>चौराहे पर आपको एक नई कहानी सुनने को मिलेगी> 29 राज्यों वाले देश भारत के जिस भी राज्य में आप घुस जाएं वहां हजारों वर्षों पुरानी कहानियों से लेकर कुछ ऐसी प्रचलित कहानियां भी सुनने को मिलेंगी जिनका कोई वजूद नहीं मिलता!
(अजीबोगरीब कहानियां)
★ये कहानियां कहां से आईं, इनके पीछे की वजह क्या है, इसका पुख्ता सुबूत हासिल नहीं होता। लेकिन फिर भी वर्षों से ये कहानियां सुनाई जा रही हैं, इन्हें सच मानकर लोग इन पर आंख मूंद कर विश्वास कर लेते हैं!
(इच्छादारी नाग या नागिन)
★इन्हीं कहानियों में से एक है ‘इच्छादारी नाग या नागिन’ की कहानी दादी-नानी या फिर गांव में रह रहे बुजुर्गों के मुंह से अकसर आपने इच्छादारी नागिनों के बारे में सुना होगा भारतीय सिनेमा में भी इन पर कई फिल्में बनाई गई हैं जिसमें दिखाया जाता है कि एक इच्छादारी नागिन कैसे पवित्र मणि की रक्षा करती है और अपने दुश्मनों से बदला लेती है!
(क्या सच में होते हैं इच्छादारी नाग या नागिन)
◆आजकल तो छोटे पर्दे यानी कि टीवी पर भी इच्छादारी नागिन के धारावाहिक बन रहे हैं लेकिन क्या वाकई इच्छादारी नागिन होती थीं या फिर क्या आज भी कोई इच्छादारी नागिन है इच्छादारी नाग या नागिन कैसे दिखते हैं!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★कहा जाता है कि इच्छादारी नाग (नर) एवं इच्छादारी नागिन (मादा), भारतीय क्षेत्रीय कहानियों के अनुसार नाग-नागिन ही होते थे लेकिन इनके पास खास प्रकार की शक्तियां होती थीं!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★यूं तो साधारणत> देखने में यो किसी नाग या नागिन जैसे ही थे इन्हें नागों की प्रजाति का ही माना जाता था, लेकिन विशेष प्रकार की शक्तियां होने के कारण इनका महत्व बढ़ जाता था। ये ऐसे नाग>नागिन थे जो किसी भी जीवित वस्तु का आकार ले सकते थे!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★नाग-नागिन के अलावा ये किसी भी मनुष्य का आकार लेकर सामने वाले को भ्रमित कर सकते थे सामान्यत> इच्छादारी नाग या नागिन मनुष्य का ही रूप धारण कर लेते थे ऐसा करने के पीछे कई कारण होते थे!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★इच्छादारी नाग-नागिन के संदर्भ में यह कहा जाता है कि इन्हें ‘बीन’ के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है बीन को इनका भगवान या गुरु माना गया है, इसलिए उसकी आवाज से ये मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और वार नहीं करते!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★लेकिन क्या वाकई बीन का इच्छादारी नाग-नागिनों से कोई संबंध है या यह मात्र एक कहानी है, इसके पीछे की कोई वजह हासिल नहीं होती एक और बात है जो इच्छादारी नाग-नागिनों से जुड़ी है, वह है ‘मणि’!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★जी हां कहते हैं कि इच्छादारी नाग एक खास प्रकार के रत्न को पूजते थे, जिसे ‘मणि’ कहा जाता है यह मणि किसी भी अन्य रत्न की तुलना में बेहद चमकदार होती है माना जाता है कि इस मणि की कीमत भी अन्य रत्नों एवं हीरों की तुलना में काफी अधिक होती है!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★कुछ किस्से कहानियों में मणि को वापस हासिल करने के लिए इच्छादारी नाग एवं नागिनों के संघर्ष के बारे में भी बताया जाता है इन नागों ने कई लोगों की जान केवल इस कारण से ली, क्योंकि उन लोगों ने इनकी मणि को चुराने या हथियाने की कोशिश की थी!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★लेकिन यह मणि कहां से आई और इसका क्या महत्व है, इस पर भी एक मान्यता बनी हुई है इसका जवाब ज्योतिष शास्त्र के पास है, जिसके मुताबिक यह कहा जाता है कि एक खास ज्योतिष नक्षत्र के भीतर ही मणि का जन्म होता है!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★स्वाति नक्षत्र’ में यदि वर्षा हो और उस वर्षा की बूंद कोबरा सांप के मुंह में चली जाए, तो वह सांप अपने मुंह से चमकदार मणि को उगलता है कोबरा को नाग प्रजाति का राजा माना जाता है यह बेहद शक्तिशाली नाग होता है जब यह सांप मणि को पा लेता है तो उसे खास प्रकार की शक्तियां मिल जाती हैं!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★आपको यह जानकर शायद अचंभा भी हो कि ‘मणि’ या फिर जिसे नागमणि भी कहा जाता है, उसे दुनिया भर में मौजूद बेहद कीमती नौ रत्नों में से एक माना जाता है इसकी रोशनी काफी तेज होती है!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
मणि देखने में चांद की तरह बेहद सफेद होती है, लेकिन इसके भीतर से हल्के नीले रंग की चमकदार रोशनी निकलती है कहते हैं कि यह मणि किसी को यदि मिल जाए, तो किस्मत उसका हर मोड़ पर साथ देती है!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
नागों के राजा कोबरा की तरह ही वह व्यक्ति भी दुनिया का राजा बन जाता है यह मणि उसे विशेष प्रकार की शक्तियां दे देती है उसकी हर इच्छा एक-एक करके पूर्ण होने लगती है!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★किंतु शास्त्रों के अनुसार नाग मणि केवल एक प्रकार की नहीं होती यह पीले रंग की, शहद के रंग की, हरे या हल्के हरे रंग की, लाल और सफेद रंग की होती है ये सभी मणियां नाग मणियां ही होती हैं!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★इच्छादारी नाग एवं नागिनों से जुड़ी एक प्रचलित कहानी अग्नि पुराण में भी दर्ज है जिसके अनुसार धरती के नीचे भूलोक में भी दुनिया बसती है यहां सात क्षेत्र हैं आताल, विताल, सुताल, तलाताल, महाताल, रसाताल एवं पाताल!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★पाताल के बारे में तो आपने शायद सुन ही रखा हो कहा जाता है कि धरती के नीचे इन क्षेत्रों में कई देव एवं दानव रहते हैं भगवान विष्णु के अंशावतार शेष नाग भी यहीं विचरण करते हैं!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★कहा जाता है कि पूरी धरती ही उनके फण पर बिराजती है वायु पुराण में भी गानों का उल्लेख मिलता है यहां दर्ज तथ्यों के अनुसार धरती के नीचे अताल लोक में नामुची नामक दानव का राज है, सुताल लोक पर महाजंभ राज करता है, विताल लोक पर दैत्यराज प्रह्लाद का राज है, पाताल लोक पर बालि का राज है!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★इसी तरह से श्रीताल पर नागों के राजा वासुकि का राज माना जाता है एवं पाताल में शेष नाग रहते हैं वासुकि कद्रु एवं ऋषि कश्यप की संतान हैं कई पौराणिक कथाओं में वासुकि एवं शेष नाग को एक समान ही माना गया है दोनों का ही समान महत्व है!
(इच्छादारी नाग नागिन की सच्चाई)
★इन कथाओं के अनुसार शेष नाग एक विशाल नाग हैं, जिनकी आंखें गुलाबी कमल की भांति हैं, उनका वर्ण श्वेत कहा गया है एवं उनके वस्त्र नील रंग के बताए जाते हैं किंतु वे एक नहीं, वरन् हजारों फणधारी नाग हैं!
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