एक सुख का साथी उस बेकार की तरह होता है जो आसमान में सांप होने पर तो छाता उधार देते हैं लेकिन बारिश होती है वापस ले लेते हैं जो लोग जगह के रास्ते जा रहे थे तभी उन्हें एक भूल मिला उन में से एक तो झटपट पेड़ पर चढ़ गया लेकिन दूसरा यह सर ना कर सका इसलिए वह जमीन पर मुर्गे की तरह लेट गया बालू उनके कान के पास अच्छी तरह सुन कर चला गया पहले आदमी ने पेड़ की उतार कर दूसरे से पूछा बालों ने मुझसे तुमसे क्या कहा दूसरे आदमी ने जवाब दिया उसने कहा कि मेरे दोस्त का विश्वास मत करो तो तुम्हें खतरा पड़ने पर भुगतने के लिए अकेला छोड़ दे कहानी का संदेश दिन है के उजाले की तरह साहब के आपसी विश्वास और भरोसा हर दोस्ती की बुनियाद सुख के साथी आप तभी तक दोस्तों के जब तक दोस्ती में खुशी और मजा है जैसे एक अच्छे दिनों की दोस्त सुविधा की दोस्ती यह तब तक रहती है जब तक सुविधा रहती है जैसे कि पड़ोसी से मिलना जुलना उठना बैठना लेनदेन सुविधा खत्म हो गई तो दोस्ती भी खत्म हो गई उद्देश्य की दोस्ती ऐसी दोस्ती मतलब की होती है इसमें एक उद्देश्य छिपा रहता है जैसे पैसा वाला पोजीशन वाला वाक्य वाला इसकी जरूरत पड़ सकती है या बड़ा अवसर है आ दिल में बनाकर रखने का ख्याल दिमाग में रखता है ताकि कभी काम पड़ने पर यह काम आ सके मतलब खत्म हो दोस्ती भी खत्म दुश्मन का दुश्मन मेरा दोस्त इतिहास गवाह है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त बन जाता है यह दोस्ती तब तक Kranti है जब तक दोनों का दुश्मन एक है लेकिन जैसे ही वह बीच का दुश्मन चला जाए तो दोस्ती भी चली जाती है सच्ची दोस्ती एक दूसरे की इज्जत और प्रशासन पर आधारित होती है सच्चे दोस्त के लोग होते हैं जिनके मन में एक दूसरे के लिए भलाई होती है और मैं उसी के साथ काम करते हैं अच्छे कामों का बदला हमें अच्छे दोस्तों के रूप में मिलता है ऐसे दोस्तों और दोनों तरफ से अच्छाई हमेशा बनी रहती है इसका आधार चरित्र और कमेंट में होती है खुशहाली में दोस्त बनते हैं लेकिन मुश्किल है उनके असली रूप को दिखाती हाजिर करती है मतलबी दोस्ती करना इस कविता में क्या खूब लिखा है आप खुश होंगे तो आपके आसपास होंगे आप दुखी होंगे तो वह आंखें चुराएंगे वह आपकी सारी खुशियां बांटना चाहते हैं मगर उन्हें आपका दुख नहीं चाहिए अगर आप खुश हैं तो आपके बहुत सारे दोस्त आपके दुखी होने पर भी आप से किनारा कर लेंगे आपके मधुर संपर्क को कोई नहीं ना करेगा मगर जिंदगी के कड़वे झूठ आप को अकेले ही पीने पड़ेंगे सच्ची दोस्ती में मदद करना एक-दूसरे परेशान नहीं होता दोस्ती की अभिव्यक्ति होती है उनका मकसद नहीं और अगर वे एक दूसरे की मदद नहीं करते तुम्हें दोस्ती की सही ढंग से नहीं निभाते रिश्ते अपने आप नहीं बन जाते उन्हें बनाने में समय लगता है रिश्ते इन आधारों पर बनते दयालुता आपसी समझ और आत्म त्याग और इनसे टूटे हैं इस वक्त ऑन करो रूप का व्यवहार रिश्तो को महत्व देकर उन्हें गंभीरता से दयालुता आपसी समझ और आत्म त्याग और इनसे टूटे हैं इस वक्त ऑन करो रूप का व्यवहार रिश्तो को महत्व देकर उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए और एक बार रिश्ते बन जाए तो उन्हें पौधे की तरह सूचना चाहिए कोई भी परफेक्ट नहीं होता संपूर्णता की तलाश करने में निराशा ही हाथ लगती है.।
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