प्र●भारत की जलवायु मानसूनी मानसूनी जलवायु को समझने के लिए मानसून का आवश्यक सूचना आवश्यक है मानसून वस्तु धरातल पर चलने वाली हवाएं जो ईश्वर जाड़े की जंतुओं में अपनी प्रभाव दिशा बदल देती है मानसून मूल रूप से अरबी भाषा के मानसून शब्द से बना है जिसका तात्पर्य सत्तू अनुसार हवाओं के चलने से होता है इस शब्द का उपयोग सर्वप्रथम अरब सागर पर चलने वाली हवाओं के लिए किया गया है जो कि 6 महीने उत्तर पूर्व दिशा से 6 महीने दक्षिण पश्चिम दिशा से चला करती है इसी आधार पर संसार के उन सभी लोगों और बाघों की हवाओं को जिनके दिशा में परिवर्तन हो जाता है मानसून खा गया वह भाग जहां पर मानसून हवाओं का अधिक पाया जाता है सनी जलवायु प्रदेश कहे जाते हैं भारत की जलवायु प्रदेश के अंतर्गत आता है इसलिए यहां की जलवायु मानसूनी है.।
● मानसून पवनों की उत्पत्ति> मानसून मौसम संबंधी हम आएं क्योंकि यह 6 महीने स्थित और स्थल से समुद्र की ओर तथा 6 महीने समुद्र से स्थूल की ओर चला करती है इन मानसून हवाओं की उत्पत्ति क्यों और इस प्रकार होती है इस संबंध में कई संकल्पनाएं लेकिन इनमें तत्व की संकल्पना को तूने मानसून पवने बड़े पैमाने पर स्थली एवं समुद्री पुणे है जिस प्रकार स्थल भाग्य समुद्री सतह पर तापमान की अपेक्षा मित्रता के कारण पुणे दिन में समुद्र स्थल की ओर तथा रात्रि में स्थल से समुद्र की ओर चली है उसी प्रकार की समस्या तूने तूने सा ग्रह उच्च ताप से इतनी नींद आप की ओर तथा सिद्ध क्षेत्र में इसके विपरीत उच्च ताप से सागर निर्मित आप की ओर चलती है जिन्हें मानसून कहा जाता है.।
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