हम अभी की सोचते हैं दूर कि नहीं यह एक समिति नजरिया है हम तुरंत इच्छा पूर्ति के दौर में जी रहे हैं आजकल हर मर्ज की दवा है जागने से लेकर सुलाने चक्की लोग अपनी हर समस्या का झटपट उपाय ढूंढने की कोशिश में जाते हैं की एक गोली खाए और समस्या दूर हो जाए जब लोगों रातों रात अमीर बनना जाते हैं तब वह गलत रास्ते पर आते हैं और अपने जमीर को बेच देते है.।
रातों रात अमीर बनने की चाहत में ही लाटरी के व्यवसाय कोई इतना बढ़ावा दिया है.।
याद रहे कि तुरंत इच्छापूर्ति कुछ पल के आनंद के बारे में सोचती है नतीजों के बारे में नहीं.।
वर्तमान पीढ़ी एक अच्छा भोजन उसे मानती है जिसको खाने से वजन 5 पाउंड घट जाए यह ऐसे लोग हैं जिन्होंने जन्मदिन तो ज्यादा नहीं चाहिए मगर तोहफे ज्यादा चाहिए होते हैं.।
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