यह एक ऐसे राजा की कहानी है जिसने अपने सलाहकारों को बुलाया और कहा कि वह सदियों के ज्ञान की बातें इकट्ठा करके लिखें ताकि वे उसे आने वाली पीढ़ियों को दे सकें काफी मेहनत करने के बाद उन सलाहकारों ने बुद्धिमान पर कई गंध लिख डाले और राजा के सामने पेश किया होगा वही करें जो उसे करना चाहिए नाकी वह जो उसका दिल करें मैं नहीं चाहता कि उसकी फिलॉसफी यह हो मैं आजाद हूं और मैं यह नहीं चाहता कि मुझे कोई कंट्रोल टावर से यह बताया कि मुझे क्या करना है..
लगातार कोशिश की कमी अनुशासनहीनता हे अनुशासन में रहने के लिए आत्म नियंत्रण और कुर्बानी की जरूरत तो है ही साथ ही मन को भटकने से रोकने और लालच से बचने की भी जरूरत है इसका मतलब होता है कि अपना फोकस बनाए रखें बाप को जब तक बांदा ना जाए तब तक इंजन नहीं चल सकता नियाग्रा फाल्स से तब तक बिजली नहीं बनेगी जब तक उसके भहाव को बांदा ना जाए..।
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