बंदर पकड़ने वाली एक बक्से का इस्तेमाल करते हैं जो ऊपर से बस कितना खुला होता है कि बंदर का उसमैं हाथ भर जा सके बक्से में मूंगफलियां भरी होती है बंदर मूंगफलियां हाथ में भर लेता है और इस प्रकार उसका हाथ मुट्ठी बन जाता है बंदर अपने हाथ को निकालने की कोशिश करता है लेकिन खुला भाग खाली हाथ डालने के लिए लायक तो होता है मगर बंद मुट्ठी बाहर निकालने लायक नहीं होता अब यह बंदर का फैसला है कि या तो वह मूंगफली का लालच छोड़ दे और आजाद हो जाए या मूंगफली के लालच में मुट्ठी बांधे रखें और पकड़ा जाए सोचिए वह हर बार क्या चुनता है अपने ठीक अंदाजा लगाया वह मूंगफली के लालच में मुक्ति नहीं खुलता और पकड़ा जाता है.।
हम लोग इन बंदरों से अलग नहीं है हम सभी किसी न किसी लालच में अटक जाते हैं जो हमें जिंदगी में आगे बढ़ने से रोक लेता है हम हमेशा बहानेबाजी करके कहते हैं मैं यह नहीं कर सकता क्योंकि और जो इस क्योंकि के बाद आता है वह उन मूंगफलियों की तरह ही होता है जो हमें कुछ करने से रोकती है.।
सफल लोग बहानेबाजी नहीं करते दो बातें जो यह बताती है कि कोई कामयाब होगा कि नहीं रे यह है कारण और परिणाम कारणों की गिनती नहीं होती सिर्फ परिणामों की होती है जिंदगी में नाकामयाबी के एक अच्छी सलाह है ना सोचो ना पूछो और ना सुनो सिर्फ बहानेबाजी करो.।
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