आज की दुनिया में गर्व से काम करना बिल्कुल गिर चुका है क्योंकि इसके लिए कोशिश और मेहनत की जरूरत होती है फिर भी तब तक कुछ नहीं होता जब तक होने के लिए कुछ किया ना जाए जब कोई निरागस हो जाता है तब वह आसान रास्ता ढूंढने की कोशिश करता है चाहे रोल बन जैसा भी हो मगर ऐसा करने से हर हाल में बचना चाहिए गर्म करने की भावना अपने अंदर से आती है जिससे जितने की बात आती है काम पर गर्व हंकार को नहीं देखता बल्कि खुशी और भिन्नता को देखता है काम की क्वालिटी और काम करने वाले की क्वालिटी एक दूसरे से अलग नहीं हो सकती आधे मन से किए गए काम आते नतीजे नहीं लाते बल्कि कोई नतीजा ही नहीं लाते.।
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