कुदरत के उसूलों को न समझने की कमी

सफलता उसूलों का नाम है और यह उसूलों कुदरत के हैं बदलाव कुदरत का उसूल है हम याद तो आगे बढ़ रहे हैं या पीछे हट रहे हैं हम यह तो काम बना रहे हैं या काम बिगड़ रहे कुछ भी स्थिति में नहीं रहता एक बीच को अगर जमीन में उगने के लिए बोला जाए तो वह सड़ जाएगा बतलाओ तो होना ही है और होता ही रहेगा चाहे आप पसंद करें या ना करें हर स्तर की एक बदलाव है लेकिन हर बदलाव एक लड़की है हमें हर बदलाव को परखना चाहिए और तबीयत स्वीकार करना चाहिए जब वह हमारे लिए उपयोगी हों बिना जांचे पके कुछ भी स्वीकार कर लेना तेरा यार आत्मविश्वास की कमी और आत्म सम्मान की कमी को देखता है परंपरा के बारे में बहुत कुछ कहा जा सकता है सिर्फ बढ़ने के लिए ही बढ़ना कैंसर की बीमारी की फिलॉसफी है या गलत रूप से चारों ओर खेलता है इस बढ़ने को बर्बादी करते हैं सही अर्थों में तरक्की वही है जो सही दिशा में होती है वरना यह तन की नहीं बल्कि सर्वनाश है.।
सफलता किस्मत का नहीं बल्कि उसूलों का नाम है.।

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