लगातार ज्ञान हासिल करने की आदत डालें

आइए हम कुछ गलतफहमियों को अपने रास्ते से हटाए यह आम विश्वास की बात है कि शिक्षा पाने की जगह स्कूल और कालेज ही समझ जाते हैं मैं कई देशों में अपने सेमिनार के दौरान लोगों इसे यह पूछता हूं कि क्या हम सचमुच अपनी शिक्षा स्कूल और कॉलेज में पढ़ते हैं आमतौर पर सब की राय एक सी थी कि कुछ तो शिक्षा पाते हैं लेकिन ज्यादातर नहीं स्कूल कॉलेज में हमें ढेरो जानकारी मिलती है मुझे गलत ना समझे पढ़ा लिखा होने के लिए जानकारी तो चाहिए लेकिन हमें शिक्षा का सही मतलब समझने की जरूरत है।
       बौद्धिक शिक्षा जहां आपके दिमाग पर असर करती है वही मूल्यों पर आधारित शिक्षा आपके दिल पर असलियत में जो शिक्षक दिल पर असर ना डाले वह नुकसानदेह हो सकती है अगर हम परिवार दफ्तर और समाज को चरित्रवान बनाना चाहते हैं तो हमें अपने मूल्य और नैतिक शिक्षा का कम से कम एक वस्त्र हासिल करना होगा जो शिक्षा इमानदारी दया साहब इरादा और जिम्मेदारी जैसी बुनियादी और बेहद जरूरी खूबियों को बढ़ाती है बनाती है उस की बहुत ज्यादा जरूरत है हमें ज्यादा हक क्ष शिक्षा की जरूरत नहीं बल्कि चरित्र बनाने वाली शिक्षा की ज्यादा जरूरत है मैं तो इस बात पर जोर दूंगा कि एक ज्यादा पढ़े-लिखे लेकिन नैतिक शिक्षा की नियुक्ति के मुकाबले नैतिक शिक्षा वाला व्यक्ति जिंदगी में आगे बढ़ने और सफलता पाने से ज्यादा का भी होगा चरित्र निर्माण और नैतिक मूल्य की शिक्षा कच्ची उम्र के साथ हो जाती है क्योंकि बच्चन शिक्षाओं के साथ पैदा नहीं होता.।

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