यह तो वैसे ही बात है कि छोटा बच्चा कहता है कि जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तो यह करूंगा वह करूंगा और बड़ा खुश हो जाऊंगा और जब वह बड़ा हो जाता है तब कहता है कि मैं कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके यह कर लूंगा वह करुंगा और फिर खुश हो जाऊंगा और जब वह कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर लेता है तो कहता है कि जब मुझे पहली नौकरी मिलेगी तब मैं यह कर लूंगा वह करूंगा और खुश हो जाऊंगा और जब उसे पहली नौकरी भी मिल जाती है तब वह कहता है कि शादी करने के बाद क्या करूंगा वह करूंगा और खुश हो जाऊंगा जब शादी भी हो गई तो वह कहता है कि जब उसके बच्चे स्कूल की पढ़ाई पूरी कर लेंगे तब मैं यह कर लूंगा वह करूंगा और खुश हो जाऊंगा बच्चों की स्कूल की पढ़ाई के बाद वह कहता है कि रिटायर होने के बाद में यह करूंगा वह करूंगा और खुश हो जाऊंगा और जब रिटायर होता है तब वह क्या क्या देखता है वह देखता है कि जिंदगी तो उसकी आंखों के सामने से यूं ही गुजर गई कुछ लोग अपनी कलम टोली की आदत को खूबसूरत लफ्जों की आड़ में छुपाते हैं यह कथन कि मैं तो अभी इस पर बारीकी से सोच रहा हूं 6 महीने सोचने के बाद भी रहते हैं मैं तो अभी भी बारीकी से सोचने के काम में लगा हूं जय यह नहीं समझते कि वह एक ऐसी बीमारी के शिकार हो जाते हैं जिसे बारीकी से सोचने का लकवा करते हैं ऐसे लोग कभी कामयाब न होंगे.।
सिर कलम टोली की आदत वालों में दूसरे तरह के लोग भी जो करते हैं मैं तैयारी कर रहा हूं 1 महीने बाद भी वह तैयारी कर रहे होते हैं और कुछ छह महीने बाद भी तैयारी कर रहे होते हैं और इस तरह से नहीं समझ पाते कि वह बहाने बाजी की बीमारी के शिकार हैं और वह बहाने क्यों बनाते रहते है.।
जिंदगी कोई तेज रिहर्सल नहीं है मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि आप किस फिलॉसफी में यकीन करते हैं बस हमें एक ही मौका मिलता है इस खेल का जिसे जिंदगी कहते हैं दाव पर बहुत कुछ लगा होता है और दांव पर लगी होती है आने वाली पीढ़ियां.
हम कहां हैं और किस दौर में है इसका जवाब है कि हम इसी दौर में है और यही है आइए हम आज का बेहतर बनाएं और इसका भरपूर आनंद लें इसका यह मतलब नहीं है कि हमें आगे के लिए योजना बनाने की जरूरत नहीं है पैगाम यह है कि हमें आगे योजना बनाने की जरूरत है और अगर हम अपने आज का भरपूर इस्तेमाल खुशहाली के लिए कर रहे हैं तो खुद बखुद आने वाले बेहतर कल के लिए बीज बो रहे हैं क्या आप मानते हैं.
अगर आप सही नजरिया अपनाना चाहते हैं तो इस कहावत को सीखने तुरंत काम करो और ताल टोली की आदत छोड़ दे.
जिंदगी में सबसे ज्यादा उदासी से भरे शब्द यह है.।
1. यह हो सकता था.
2. मुझे करना चाहिए था.
3. मैं कर सकता था.
4. काश में कर लेता.
5. काश मैंने थोड़ी और कोशिश की होती.
जो काम आप आज कर सकते हैं उसे कभी भी कल पर ना डालें -- बेंजामिन फ्रैंकलिन
मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि सारे विजेता टालमटोल करना तो चाहते हैं लेकिन ऐसा कर नहीं पाए.।
जब लोग कहते हैं मैं यह काम किसी दिन कर लूंगा तो इसका यह साफ मतलब होता है कि यह काम कभी नहीं होगा.।
कुछ लोग घर से निकलने से पहले इस इंतजार में रहते हैं कि अब सब पत्तियां हरी होगी ऐसा कभी हो ही नहीं पाएगा और काम ही शुरुआत करने से पहले ही वह हार चुके होंगे यह बेहद अफसोस की बात है.।
टालमटोल ई की आदत छोड़े क्या यही वह समय नहीं है जब हम टालने की आदत को छोड़ दें ?
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