यह कैसे आदमी की कहानी है जो सड़क के किनारे समोसे बेचा करता था वह अनपढ़ था इसलिए उसने कभी अख़बार नहीं पढ़ा था ऊंचा सुनाई देने की वजह से उसने कभी रेडियो भी नहीं सुना था उसकी आंखें कमजोर थी इसलिए उसने कभी टेलीविजन भी नहीं देखा था लेकिन वह डेरु समोसे बड़े उत्सव से बेचा करता था उसकी बिक्री और बिक्री और मुनाफा दिनों दिन इतना बढ़ता गया कि परिणाम स्वरुप उसे ज्यादा सामान और बड़ा झूला खरीदना पड़ा जब उसका व्यापार दिन दुगना पढ़ रहा था तब उसका बेटा जिसने हाल में कॉलेज की अपनी पढ़ाई पूरी की थी अपने बाप के साथ काम में जुट गया उन्हीं दिनों एक अजीब घटना घटी बेटे ने एक दिन आप अपने पिता से पूछा पिताजी क्या व्यापार में आने वाली नदी के बारे में आपको जानकारी है.।
पिता ने जवाब दिया नहीं लेकिन मुझे इस बारे में बताओ बेटे ने आगे कहा अंतर्राष्ट्रीय हालात बहुत खराब है और राष्ट्र के हालात तो उससे भी बुरे हैं हमें आने वाले बुरे दिनों के लिए तैयार रहना चाहिए पिता ने सोचा कि उसका बेटा कॉलेज पढ़ चुका है अखबार पढ़ता है और रेडियो भी सुनता है इसलिए उसे सब जानकारी है उसकी सलाह को हल्के ढंग से नहीं लेना चाहिए इसलिए आगे बीन पिता ने समूहों के कच्चे सामान की खरीद कम कर दी दुकान का बोर्ड भी हटा दिया काम में उसका उत्सव भी काम होता चला गया जल्दी उसकी दुकान पर गाना कम होता चला गया और उसकी वर्क क्रीमी गिरने लगी तब बाप ने बेटे से कहा तुम ठीक है हम लोग मंदी के दौर से गुजर रहे हैं मुझे खुशी है कि तुमने मुझे समय से पहले ही आधा कर दिया था इस कहानी से क्या सबक मिलता है.।
1. बहुत बार हम अकलमंदी और सही फैसले में फर्क नहीं कर पाते.।
2. एक इंसान अकलमंद तो हो सकता है लेकिन उसके फैसले गलत हो सकते हैं.।
3. अपने सलाहकारों को ध्यान से सुनिए और अपनी समझ का इस्तेमाल कीजिए.।
4. औपचारिक शिक्षा होने या ना होने पर भी कोई युक्ति सफल हो सकता है और होगा भी अगर मैं यह पांच खूबियां हो.।
1. चरित्र
2. कमिटमेंट
3. दृढ़ विश्वास
4. विनम्रता
5. होसला या साथ
5. बड़े अफसोस की बात तो यह है कि बहुत से ऐसे चलते फिरते इनसाइक्लोपीडिया है जो नाकामयाबी की जिंदा मिसाल है.।
किसी चीज को जल्दी सीख लेने का नाम कल बंदी काबिलियत वह खूबी है जो शिक्षा को इस्तेमाल करना सिखाती है जब हम शिक्षा को इस्तेमाल करने की काबिलियत परीक्षा दोनों होती है तो उसे ही शर्म क्यों कहते हैं इस चाई वर नजरिया है जो हुनरमंद हो समझती महान बनाती है बहुत से लोग हुनरमंद तो होते हैं लेकिन सर भरतवाण नहीं होते क्योंकि नजरिया के बिना काबिलियत व्यक्त आती है.।
यूनिवर्सिटी की पहली जिम्मेदारी ज्ञान देना और चरित्र निर्माण होता है ना कि वह पारी और तकनीकी शिक्षा देना.।
--विंस्टन चचिल.।
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