जब मैं शिक्षित किसे कहूं पहले भेजो रोजाना आने वाले हालात का सामना सही ढंग से करते हैं और वह जो हालात से सामना होने पर सही निर्णय लेने और सही कदम उठाने में शायद ही कभी झुकते है.।
दूसरे में जो दूसरों के साथ व्यवहार में बड़प्पन दिखाते हैं दूसरों के अभी व्यवहार और बातों का बुरा नहीं मानते और अपने सहयोगी के साथ उतने ही बड़े होते जितना कि एक इंसान हो सकता है.।
और आगे भेजो अपनी खुशियों पर काबू रखते हैं और कठिनाइयों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देते और कठिन परिस्थितियों का मुकाबला एक बहादुर इंसान की तरह करते हैं जो इंसानी फितरत है.।
और सबसे बड़ी बात यह है कि वह लोग जो सफलता मिलने पर बिगड़ते नहीं जो अपनी असलियत से मुंह नहीं मारते साथ ही बुद्धिमान और धीरे-धीरे युक्ति की तरह ढूंढता से जमीन पर पैर जमाए रख दे तू कैसे मिली अच्छी चीजों पर खुश होने के बजाए जन्म से मिली काबिलियत और बुद्धि से प्राप्त कामयाबी हूं पर खुश होते हैं खुश होने की ऐसी प्रति उनकी बचपन से ही होती है.।
जिन लोगों के चरित्र में इन में से एक दो नहीं बल्कि सारे गुण है जिन्होंने यह सभी बातें सीखी है वही सर्वगुण संपन्न सच्चे अर्थों में स्थित है.।
थोड़े में कहे तो पढ़े लिखे हुए लोग हैं जो किसी भी हालत में सांप और अकलमंदी से काम करना तरह करते हैं अगर हमने कल बंदी और बेवकूफी अच्छे और बुरे सौभाग्य और असली लालता के बीच चुनाव करने की काबिलियत है तो उनके पास अक्षर की डिग्रियां हो या ना हो वही सही मायने में शिक्षित है.।
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