तैयारी करना

तैयारी करने से आतम.विशवास पैदा होता है, जो प्लानिग और प्रैकिटस के अलावा कुछ भी नहीं है। विजेता ख़ुद पर दबाव बनाए रखते हैं। और यह दबाव कडी़ मेहनत और तैयारी का होता है, न कि उनकी जीतने के लिए चिंता करने का।
अगर हमारी प्रैक्टिस में कमी है तो हमारे खेल में भी कमी है कयोंकि जैसी हमारी प्रैक्टिस होती है, वैसा ही हम खेलते है सफलता और शारीरिक और मानसिक रुप से एक पूरी तैयारी त्याग और आतम,अनुशासन का ही नतीजा है।'आम'बनना तो आसान है,मगर'सबसे अछा` बनना बहुत मुशकिल। इसमें कोई ताजुब नहीं कि आम लोग आसान रासता चुनते  हैं।
       किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए पूरी तैयारी करना सबसे ज़रूरी बात है।
     उधेशय +सिद्धांत+ योजना+अभयास+लगातार प्रयास +धैर्य+गव=पूरी तैयारी

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