हमारी जिंदगी एक बड़ी बाध्। दौड़ की तरह है . और नज़रिया होने से हम ख़ुद ही अपने रासते की सबसे ब़डी बादा बन जाते हैं। घटिया नज़रिए वाले लौगौं के लिए नौकरी,शादी,दोस्ती या रिशतों को बनाए रखना बहुत मुशकील होता है। उनका नज़रिया ः
(1) कड़ुआहट
(2) नाराज़गी
(3) बिना मक़सद कि जिंद़गी
(4) खराब सेहत
(5) खुद तथा दूसरों के तनाव
के रासते पर ले जाता है।
ऐसे लोग घर और दफतर में घटिया माहौल बनाने है और समाज के लिए एक बोझ बन जाते हैं। ये लोग आपने घटिया व्यवहार को न सिरफ अपने आसपास रहने वाले लोंगो ,बलिक आने वाली पीढ़ी तक फैलाते हैं।
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