हम सभी अपनी जिंदगी में कभी- न - कभी काम में टालमटोल करते हैं।
मैं जानता हूँ कि मैंने भी ऐसा किया है और बाद में मैं पछताया भी हूँ।टालमटोली (procrastination.)कि आदत घटिया रवैये को बढ़ावा देती है।इंसान को इतनी थकान काम करने की मेहनत से नहीं होती जितनी कि टालमटोली की आदत से होती है।
कोई भी काम पूरा होने पर ़खुशहाली और हौसला देता है, जबकि आधा-अधूरा काम आपकी हिम्मत को वैसे ही .खत्म कर देता है, जैसे पानी के टैंक में कोई छेद टैंक को .खाली कर देता है।
अगर आप सही नज़रिया बनाना और उसे क़ायम रखना चाहते हैं तो आज में जीना सीखिए और काम को तुरंत करने की आदत डालिए।
वह चाँदनी रातों में सोया
उसने सुनहरी धूप का मज़ा उठाया
कुछ करने की तैयारी में जि़ंंदगी गु़जारकर
वह गुज़र गया कुछ न कर -हार कर।
(-----------जेम्स अलबरी---------)
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