मूल्यहीन शिक्षा कहा नी

सही शिक्षा दिलो-दिमाग, दोनों पर असर डालती है। एक अनपढ़ चोर मालगाड़ी चुराकर ले जाएगा, जबकि एक पढ़ा-लिखा चोर पूरी मालगाड़ी ही चुराकर ले जाएगा।
    विशवविघालय(Universities)से युवक बहुत क़ाबिल मगर पढ़े-लिखे जाहिल बनकर निकल रहे हैं कयोकि हम युवाओं को नैतिकता का कोई आधार नहीं दे पा रहे हैं जिसकी उन्हें ज्यादा-से-ज्यादा तलाश है।

    -----स्टीवन मूलर,प्रेसीडेंट,जाँन-हाँपकिंस यूनिवसिंटी 
Universiet are turning out bigbly skilled barbar-ians because we dont provide a framework of values to young people,who mere and more are searcbing for
                             (Steven muller,president)
                           (Johns hopkins University)

हमारी कोशिश गीयान और बुद्धिमता के लिए होनी चाहिए, न कि सिफ़ गेड पाने के लिए। ज्यादा सीखे बिना भी अछे गेड और डिगी तो मिल जाती है लेकिन सबसे अहम बात कोई सीख सकता हैं तो वह यह है कि सीखने के सही तरीके को सीखें लोग सूचनाओन को रटने की काबिलियत को ही गलती से शिक्षा समझ लेते है। बिना मूल्यों के दिम़ागी शिक्षा समाज के लिए आ़फत को पैदा करती है।

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