सोने की तलाश में

र-काँटलैंड का एक युवक एंडयू कारनेगी .
      अमरीका आया और गुज़ारे के लिए छोटे-मोटे काम करने लगा । एक दिन वह अमरीका की सबसे बडी इसटील का मालिक बन गया।एक समय ऐसा था,सब 43 करोड़पति कारनेगी के लिए काम करते थे
पचास-साठ साल पहले , एक मिलियन डाँलर
बहुत-सा पैसा होता था, आज भी यह बहुत-सा पैसा है।
किसी ने उनसे पूछा कि ,"""आप लोगों से पेस आना सोने की खुदाई करने जैसा ही है। जब आप एक तोले सोने के लिए खुदाई करते हैं,तो उसे पाने के लिए जाते हैं तो आप मिटृी की तलाश में नहीं बल्कि सोने की तलाश मैं जाते हैं।'''''
                            """"आपकी नज़र (focus) किस पर है? सोने की खुदाई करने वाले (digger) जैसा बनें।
अगर आप लोगों और चीज़ौं में ग़लतियाँ ढूँढ़ेंग तो ये बहुत मिल जाएँगी । आप कया तलाश कर रहे हैं? एंडयू कारनेगी के जवाब में एक अहम संदेश छिपा है। हर हालात में कुछ-न- कुछ तो आछा ज़रूर होता ही है। कभी -कभी अछा पाने के लिए का़फी गहराई में जाना पड़ता है।क्योंकि हो सकता है कि यह सा़फ दिखाई न पड़ रहा हो। लोगों  और हालात में ग़लतियाँ तलाशने की हमें इतनी आदत हो जाती है कि क्या ठिक है, यह देखना ही भूल जाते हैं। किसी ने ठीक कहा है कि""बंद घड़ी भी दिन में दो बार सही समय देती है।'''''
            याद रखें,जब आप सोने की खोज में जाते हैं तो आपको टनो-टन मिटृी हटानी पड़ती है, एक तोला सोना पाने के लिए । जब आप खोज में निकलते हैं तो मिट्टी की नहीं बल्कि सोने की खोज में निकलते हैं।

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